Monday, May 24, 2021

सफल हो जाओगे

कार्य की सीमा, और कर्तव्य असीमित होती है

कार्य,जीवन का वहन करता है
और कर्तव्य जीना सिखाता है।।
पर,
जब कार्य भी कर्तव्य बन जाए

तुम सफल हो जाओगे ।।

तुम अक्सर गलतियां करते हो
और क्यों न

आखिर इंसान ही हो ।
कभी उससे सीखते हो कभी टाल देते हो
पर ,
जब तुम अपनी गलती टालोगे नही
और
दुसरो की गलतियो से भी
सीखना शुरू कर दोगे

तुम सफल हो जाओगे ।।

एक लक्ष्य तो होगा ही जीने के लिए
जब गूगल पर अधिकतम खोजो के प्रकार
लक्ष्य के समुच्चय में आ जाये

तुम सफल हो जाओगे ।।

जीवन चलने का नाम है
आज है कल नही
लेकिन संवारना हमे ही है
अपने कर्मो से
स्वर्ग-नरक का तो पता नही
पर
अपनी परिस्थितियों को हम खुद
बनाते है
जब यह देखने मे सक्षम हो जाओगे

तुम सफल हो जाओगे ।।

जब तुम हमेशा खुद को प्रतिद्वंदी मान कर
अभ्यास में जुट जाओगे
और बाहर प्रतियोगी
देखना बन्द करोगे
जब तुम देखोगे कि
बस तुम ही हो जिसे पहले सुधारना है
सर्व जनो के सेवा करने योग्य बनने के लिए

तुम सफल हो जाओगे ।।

जो सुख तुम्हे अभी मिल रहा है
उसे पाने के लिए
जितनी मात्रा में समय व मेहनत
अदा की गई है
जिस दिन इससे अनभिज्ञ नही रहोगे
और जब सुख छोड़कर वही लौटाने की
कोशिश आरम्भ करोगे
हार से नही घबराओगे
 
तुम सफल हो जाओगे ।।


ऊपर बढ़ते रहने पर
जब तुम्हे अहम नही होगा
खुद को संसार की भौतिक नजरो से
एक कण बस मानोगे
पर,
जब तुम यह भी मानोगे कि
तुम जरूरी हो
निरंतर सकारात्मक बदलाव के लिए
 
तुम सफल हो जाओगे

जब सबकी जीत तुम्हारी खुशी बन जाये
और उनकी प्रार्थना से तुम्हे सुख मिले
पर
जब अनेको प्रपंच हटाकर
सादगी ही जीवन बन जाये

तब ...तुम सफल हो जाओगे ।।


..........✍️

Sunday, June 16, 2019

Learning


#Just , be in the present

(Trying to....)

Yes , it's important to tell my heart 
Since I started Thinking

Yes the time begins

Nd i M the beginner

Just trying to....

Create myself encompassing
Practice with patience

Integrate myself comprising

Passion and persistence

Glowing up the mind with

Dedication nd Determination

Formulating my habit considering

Discipline nd devotion

Regulate the soul nd mind

With dare nd distinction

Maintaining the strategies

With Speed and Accuracy

Yes ....All humans are the beginners

All are students
All are son of God
Who teach us every second of life

The only thing is to 

Observe nd accept the truth 
i.e. Learning

Remember

Integrity is everything.....

Nd we must integrate ourself

By  putting the limits 
From *zero to unity*
The perfection is the variable 
Depends upon our work

Nd 

Practice is the integrating factor
This will results a better answer 
Of life......



@ms.....

Wednesday, May 29, 2019

वो बचपन



वो  बचपन  

वो जमाना भी मुझे ख़ूब भाता था ।।२।।
जब मै पैदल ही school जाता था ।।

वो जमाना भी मुझे खूब भाता था ।।
जब school में पढ़ते समय ,घर जाकर खेलने की जल्दी होती थी ।।😊

कपड़े भी कितने अच्छे होते थे उस समय
एक school की uniform और बाकी सभी खेलने की

और इसमें भी लाजवाब बात यह थी कि,
मै आते जाते भी उस uniform में खेला करता था ।।

न जिंदगी के चुनौतियों से सामना होता था ।
और न उनमे छिपी सच को मैं जाना करता था ।
बस, घर पर रहने से खेलने जाने का मन करता,
और बाहर रहने पर घर की याद सताती ।।

वो जमाना भी मुझे खूब भाता था 
जब मैं पैदल ही school जाता था।।२।।


जिद भी अच्छी होती थी मेरी 
खाने और खिलौनें तक सिमट जाती ।

और आज, खिलौनें तो बहुत खरीद लूं,
बस खेलना भूल सा  गया हूँ।।

अब भी याद आता है मुझे ।।२।।
जब किसी के झूठ बोलने पर
उसकी शिकायत हो जाती।।

कैसे भूल सकता हु वो निश्छल दोस्ती
जिसमे, सौदा चंद रुपयों के chocolate से पूरी हो जाती।।

पता ही नही चला,
सचमुच 
पता ही नही चला , कब बड़ा हो गया मै उम्र से 
क्या ! परिपक्वता यानी maturity इसे ही कहते है ? ।।

जब किसी के झूठ बोलने पर उसकी शिकायत नही कर पाते

Maturity के आते ही, सब मे और खुद में मैंने
दो चेहरो को बड़े इत्मीनान से देखा है ।२।

पहला जो मुस्कुराता है, और मासूम बनता है,इस दुनिया के सामने ,
और दूसरा जो बिल्कुल सच्चा है अपनो के सामने ।।

कोई पूछे तो यही कहूंगा कि, 
सचमुच colour blindness इसे ही कहते है।।

बात maturity की आई है
तो जरा बात दूँ ।।

सच्चों के सामने कोई पराया नही होता
सभी अपने होते है इंसानियत के नाते ।।

अरे !! पथिक बात तो बचपन की थी,
Maturity की क्युं आई

कितना अंजान और मासूम था बचपन मेरा
न इंसानियत न मतलब मालूम था और न जिंदगी का।।

बस दिल से सच्चे थे इस दौर में
सचमुच अच्छे थे उस दौर में ।।

बस इतना फिर से कहता हूं ,

वो जमाना भी  मुझे , खूब भाता था
जब मैं पैदल ही school जाता था।।

..........................................................ms..

Tuesday, May 14, 2019

ऐ दोस्त , तुम नाम न भुला देना 😊



ए-दोस्त # तुम नाम न भुला देना


हो  सकता  है  ये हवा ठहर जाए
आसमां थोड़ी झुकी सी, और समीप हो जाए ।
पर ये पल न ठहरा था और न ठहरा है  |२|
तुम हमे और हम तुम्हे
भूला दे ऐसा अजीब न हो जाए ।२।

हंसकर बिताये ये लम्हे
जिंदगी भर याद आते रहेंगे |२|
Online हो न हो
ये पल सताते रहेंगे ।।

यूँ तो जिंदगी चलने का नाम है
दोस्त बनते बिछड़ते रहते हैं।२|
पर.....ऐ -दोस्त
उस दिन से डर लगता है ।२|
जब हमारी आखिरी मुलाकात होगी

जीवन मे फिर कभी मिले न मिले
पर ये सौगाते-ए-दोस्ती कहाँ होगी |


ए-दोस्त डरता है दिल उस दिन से|2|
जब mobile  में तुम्हारा contact नही होगा ।
चाह कर भी तुमसे
दो बात नही होगा ।

कितना  अंजान  होगा  वो  दिन
जब  ज़िन्दगी  की  दौड़-भाग  में
हम  फिर  मिलेंगे ।
इत्तेफाक ही भले क्यूं न हो
दो मन फिर खिलेंगे |

ए-दोस्त , सब कुछ भूला देना
पर ये दोस्ती न भूला देना

गुज़रे पलों को समेटकर
पहचान छुपाकर कर भी,
*तुम नाम न भूला देना* ।।


........ms